एक ऐसा व्यक्ति जो किसी नाम का मोहताज नहीं, उनका कहना था कि हर सुबह सूरज के जागने से पहले मैं जग जाता हूँ और अपना नास्ता खुद बनाकर ट्रेंनिंग ग्राउंड पर जाने के लिए जब रोड पर निकलता हूँ, तब रास्ते पर कोई नहीं होता, ट्रेनिंग ग्राउंड पर सबसे पहले पहुंचकर मैं प्रैक्टिस शुरू करता हूँ, जब सब आते हैं और दिन भर के प्रेक्टिस के बाद, शाम को सब के घर चले जाने के बाद भी मैं चार-पांच घंटे एक्स्ट्रा प्रैक्टिस करता था, क्योंकि मैं जो कर रहा हूँ, मुझे उस काम में संसार में सबसे महान बनाना है। ये शब्द उस महान व्यक्ति के हैं जिसे गॉड ऑफ बास्केटबॉल कहा जाता है जिन्हें माइकल जॉर्डन के नाम से जाना जाता है। माइकल जॉर्डन का पूरा नाम माइकल जेफरी जॉर्डन है।

17 फरवरी 1963 को ब्रुकलिन न्यू यॉर्क के काफी गरीब परिवार में जन्म लेने वाले जॉर्डन जब छोटे थे और महज 13 साल के थे तो एक बार उनके पिता ने उन्हें बुलाया जो कि पुराने टी-शर्ट का व्यवसाय शुरू किये थे, एक टी-शर्ट दी और कहा कि यह टी-शर्ट कितने का होगा तब जॉर्डन ने कहा कि $1 का होगा, और तभी उनके पिता ने कहा कि जाओ इसे $2 का में बेच के आओ। जॉर्डन ने टी-शर्ट लिया, अच्छे से उसे साफ कर के सुखाया आयरन किया, फिर लगभग पूरे दिन मार्केट में खड़े रहकर उसको $2 में बेच दिया। कुछ दिन बाद उनके पिता ने उन्हें फिर से बुलाया एक और टी-शर्ट दिया और कहा कि इस बार इसे $20 में बेच कर दिखाओ इस बार उन्हें यह थोड़ा मुश्किल लगा लेकिन उन्होंने अपने पिता के आदेश की चुनौती के तरह लिया और अपने एक रिश्तेदार से उस पर मिकी माउस का कार्टून बनवा लिया फिर टी-शर्ट को बेचने के लिए अमीर बच्चों के स्कूल के बाहर खड़े हो गए तभी अपने पिता के साथ आ रहे एक बच्चे ने उस टी-शर्ट को $20 में ले लिया और ऊपर से $5 बक्शीश भी दिया। कहानी यहीं खत्म नहीं हुई थी, जब वे घर पहुचे फिर उनके पिता ने एक और टीशर्ट उन्हें दिया और कहा कि इस बार इसे $200 में बेच के आओ। यह उन्हें असंभव सा लगा किंतु उन्होंने इसे भी एक चुनौती माना, उन्होंने इस टीशर्ट को संभाल के रख लिया कुछ दिन बाद उस शहर में एक काफी लोकप्रिय कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमें उस समय की काफी लोकप्रिय अभिनेत्री आने वाली थी। जॉर्डन भी वहाँ पहुंच गए और काफी मशक्कत के बाद उनका ऑटोग्राफ उस टी-शर्ट पर ले लिया। उस टी-शर्ट को उन्होंने दिल नीलाम में बेचने लगे, वही एक व्यक्ति जो कि फराह फावसेट का बहुत बड़ा चाहनेवाला था उसने उस टीशर्ट को $1200 की बोली लगाई और खरीद लिया जब उन्होंने वो पैसा अपने पिता को दिया तो उनके पिता ने गर्व से कहा कि जब कोई इंसान अपनी पूरी ताकत किसी काम में लगा देता है तो वो असम्भव से भी असम्भव काम को संभव बना देता है। यह बात जॉर्डन ने अपने दिल और दिमाग में उतार लिया और दुनिया के सबसे महानतम बास्केटबॉल खिलाड़ी बने।

हमारा जीवन भी कुछ ऐसा ही अगर हम किसी काम में अपना 100% दे तो कोई भी काम मुश्किल नहीं, हम बड़ी आसानी से उस काम को पूरा कर सकते हैं। इस दुनिया में कुछ भी असंभव नहीं है। बस हमें जरूरत है उसमें अपना 100% देने की। आज माइकल जॉर्डन दुनिया के महान व्यक्ति बने इसलिए, क्योकि उन्होंने अपना सौ प्रतिशत बास्केटबॉल को दिया। इनके मेहनत से ये दुनिया के अमीर व्यक्ति में से एक आते हैं इनकी पूरी कमाई $160 करोड़ है। जॉर्डन बास्केटबॉल के अब तक के सबसे महंगे खिलाड़ी हैं। जॉर्डन का कहना है दुनिया में दो तरह के लोग होते है। कुछ ऐसे लोग किसी काम की सिर्फ तमन्ना करते हैं और सोचते हैं काश ऐसा हो जाये और कुछ ऐसे होते है जो कर के दिखाते हैं। लोगो को हमेशा कर के दिखाना चाहिए न कि भगवान भरोसे बैठना चाहिए। हमें भी माइकल जॉर्डन के तरह अपने जीवन का एक रास्ता चुनना चाहिए और अपनी पूरी शक्ति उसे पाने के लिय झोंक देना चाहिए।