भारत की जो ये स्थिति है इसका जिम्मेदार कौन है ?

covid-19 effect

कोरोना वायरस आज पूरे भारत के लिए एक बड़ी समस्या बनी हुई है वहीं अमेरिका आज मास्क हटाने तक का योजना कर रही है। भारत की जो ये स्थिति है इसके पीछे का जिम्मेदार कौन है? भारत सरकार या यहां की जनता? कहीं कोई कोरोना से मर रहा है तो कोई भूख से मर रहा है। पिछले साल के दिसंबर में कोरोना के मामले आने बिल्कुल बंद हो गए थे फिर ऐसा क्या हुआ जो अचानक कोरोना के मामले इतने बढ़ गए ? क्या इन सब चीजों के लिए हमें भारत सरकार को दोषी ठहराने की ज़रूरत है या इसमे हमारी भी गलती है? आज जिसे देखो वो उठ के सरकार के असफल होने की कहानी ऐसे सुनता है जैसे वो कहानी उस व्यक्ति की ही हो। पिछले साल से भी कहीं ज्यादा बुरी स्थिति इस साल की है। भारत सरकार ने कोरोना से बचने के लिए वैक्सीन उपलब्ध करवाए हैं, परंतु कुछ लोग वैक्सीन लेने से डरते हैं, उन्हें ऐसा लगता है वैक्सीन लेने से ही उनकी मृत्यु हो जाएगी। इन सब बातों के लिए क्या भारत सरकार को और जागरूकता का अभियान नहीं चलाना चाहिए या उन लोगों की जिम्मेदारी नहीं है वह भारत सरकार के नियमों का पालन करें ऐसा क्यों होता है जो अगर हमसे कोई गलती होती है तो हम हमेशा दूसरों को ही दोषी ठहराते हैं और उन विषयों पर हम ऐसे टिप्पणी करते हैं, जैसे उस विषय की हम ज्ञानी है। आज बड़े संकट का समय है, यह मामला बहुत संवेदनशील है। आप अपने आप से पूछिए कि क्या आप सच में इन मामलों को गंभीर रूप से लेते हैं? भारत सरकार के उन नियमों का पालन करते है? हम मास्क पहनने से भी बचते हैं, हम यह कहते हैं कि मास्क पहनने से हमें घुटन सी होती है, हमें सांस लेने में तकलीफ होती है। क्या हमारी कुछ समय के लिए मास्क पहनना हमारे जिंदगी से बड़ी है? यह सोचने वाली बात है कि डॉक्टर अपना पूरा जान लगा देता है किसी मरीज को बचाने में तो कहीं डॉक्टर पूरा जान लगाता है पैसा कमाने में। क्या अगर हमलोग साथ मिल के इस कोरोना से लड़े तो जीत नही सकते हैं? सबसे ज्यादा ताजुब तो इस बात से लगता है पक्ष-विपक्ष इस कोरोना जैसे महामारी के काल में भी आपस में लड़ते रहते हैं सबको मिलकर एक दूसरे का साथ देकर इस महामारी से निकलना चाहिए, किन्तु सभी अपने फायदे की सोचते है। आज जिस घर को कोरोना अपना शिकार बना रहा वो घर का घर साफ हो जाता है।

इतनी भयानक स्थितियों के बावजूद लोग किसी बात की प्रवाह तक नहीं करते। आजकल वो मास्क तो पहनने लगे हैं किन्तु मास्क से उनका नाक ढका हुआ नहीं होता, क्या कोरोना आपमे चेहरे पर मास्क देख के बोलेगा कि इसने चेहरे पर मास्क लगा रहा है इसे छोड़ देते हैं, यहाँ हम अपनी लापरवाही क्यो नही देखते । वैसे अगर देखा जाए तो सरकार भी कम नही है जब कोरोना वापस तेज़ी से बढ़ रहा था और बंगाल में चुनाव हो रहा था, तो उन्हें भारी संख्या में जनसभा करने की क्या ज़रूरत थी। आखिर किस हम जिम्मेदार कहे ? कही लोग मर रहे है तो किसी को अपनी वंश बढ़ने की जल्दी है, इतने बत्तर हालात होने के बाद भी लोग काफी संख्या में बारात में जा रहे हैं और तो और प्रशासन इन्हें कुछ कह भी रही। अब इन हालातों में तो स्थितियां और बुरी हो जाएगी। आज हमारे देश के लिए ये एक युद्ध का माहौल है, जिसमे डॉक्टर और प्रशासन योद्धा का काम कर रहे हैं और हमे बचा रहे हैं। इन बातों में कितनी सच्चाई है? हम किसे गलत कहे आखिर क्यों मामले कम होने के बाद अचानक बढ़ गए? क्यों आज भारत में इतने लोगो की मृत्यु हो रही है? लोगो की शारीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता क्यों कम हो गई है कौन है ?असली गुनहगार भारत सरकार या आम लोग? आप इसपर विचार करे और बताये आखिर क्यों ???

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