कोरोना के बाद अब नई आफ़त ! ब्लैक फंगस ! ब्लैक फंगस क्या है? लक्षण और बचाओ |

ब्लैक फंगस जिसका दूसरा नाम है Mucromycosis है। यह एक फंगस होती है जो साधारणतः मिट्टी में पाई जाती है। यह आमतौर पर हमारे शरीर पर कोई असर नहीं करता क्योंकि हमारे शरीर की जो रोग प्रतिरोधक क्षमता है, वो काफी ज्यादा होती है जो इससे बढ़ने नहीं देती। अगर किसी व्यक्ति को को Covid-19 होती है, तो कोरोना हमारे शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता को काफी कम कर देता है। कोरोना के इलाज के लिए किसी को anti-viral की दवा दी जाती है ये बड़े heavy-medicine होते है या किसी किसी किसी व्यक्ति को Steroids देने की भी आवश्यकता पड़ती है। जब फेफड़ों में ज्यादा इंफैक्शन बढ़ जाता है तो Steroids बहुत ज़रूरी चीजे हो जाती है किसी व्यक्ति के लिए। इसके अलावा भी कुछ दवाइयां दी जाती है immunity बढ़ाने के लिए। ये सब कोरोना के इलाज के लिए बहुत ज़रूरी है। ये तीनो चीजों से हमारी immunity और भी कम हो सकती है। एक तो कोरोना से हमारे शरीर की यूनिटी कम होती है antiviral medicine, Steroids इसके अलावा और भी कुछ दवाइयां जो अपने अमेठी बढ़ाने के लिए इस्तेमाल करते हैं जो क्रोना के इलाज के लिए बेहद जरूरी है यह सब हमारी इम्यूनिटी को और भी कमजोर कर देते हैं, ज्यादा Steroids लेना भी हमारे लिए काफी खतरनाक होती है यह sugar की बीमारी हमारे शरीर में पैदा कर देते हैं। इनसब के चलते ब्लैक फंगस होने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती है। ये एक खतरनाक इंफेक्शन है जिसके चलते 50% से भी ज्यादा लोगो की जान जा सकती है।


इसके लक्षण:
कोरोना के बाद नाक बहते रहना,
नाक से खून आना
नाक में सूजन होना
नाक से काला तरल जैसा निकलना
आंखों में दर्द होना
आंखों का फूल जाना
आंखों से धुँधला दिखना
आंखों से पानी आते रहना
दो दिखना
सर में दर्द होना
खून की उल्टी होना
सीने में दर्द
त्वचा पर जख्म दिखना

ये कुछ लक्षण है, अगर ऐसा कुछ महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। इसे नजरअंदाज न करे अगर ये ज्यादा बढ़ गया तो ये आपकी जान तक ले सकती है इसलिए सही समय पर डॉक्टर से संपर्क करे।
इससे बचने के लिए antifungal medicine दी जाती है पर कई मामलों में ऑपरेशन तक की नौबत आ जाती है। इसके इलाज के दौरान सबसे ज्यादा जरूरी होती है डायबिटीज पर नियंत्रण। immune system को कमजोर करने वाली दवाइयों पर रोक। शरीर में पानी की कमी ना होने के लिए normal saline भी चढ़ाई जाती है। इसके इलाज में 4-6 हप्ते भी लग सकते हैं।

ब्लैक फंगस के मरीजों की सर्ज़री कब और कैसे होती है?
:एंटीफंगल दवाइयों के बावजूद किसी मरीज में ब्लैक फंगस के संक्रमण बढ़ता हैं तो सर्जरी मैं उन्हें अपनी उपरी जबरा या आँख खोनी पड़ सकती है। डॉक्टर के मुताबिक ऐसी परिस्थितियों में उन्हें खाना चबाने या निकलने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, हालांकि प्रोस्थेसिस की मदद से सर्जरी में हटाए गए अंग दुबारा लगाए जा सकते हैं, लेकिन ऐसा मरीजों को पूरी तरह से ठीक हो जाने के बाद ही मुमकिन है।

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कैसे करे ब्लैक फंगस की रोकथाम?
:ब्लैक फंगस एक और असामान्य बीमारी है जो बीमार या बीमारी से तुरंत उभरे हुए लोगों में होने की संभावना होती है लेकिन इससे बचने के लिए डायबिटीज का नियंत्रण होना सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है।
हम अपनी नाक और मुंह को अगर अच्छी तरह से ढक के रखते हैं तो इससे बच सकते खासकर प्रदूषण वाले इलाके में। मिट्टी छूते वक़्त दस्ताने ओर जूतो का इस्तेमाल करें।

अगर आप ये सारे उपाय करते हैं तो आप ब्लैक फन से बच सकते है ब्लैक फंगस से डरने की नही बचने की ज़रूरत है।

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