A Motivational Story / सच्चा धन

आनंदपुर गावं में एक किसान रहेता था । उसके चार बेटे थे । वे सभी आलसी और निक्कमे थे । जब किसान बुढा हुआ तो उसे बेटो की  चिंता सताने लगी ।

एक बार किसान बहोत बीमार पड़ा । मृत्यु निकट देखकर उसने चार बेटो को अपने पास बुलाया । उसने उन चारो को कहा “ मैने बहुत सा धन अपने खेत में गाड रखा है । तुम लोग उसे निकल लेना ।” इतना कहते-कहते किसान के प्राण निकल गए ।

पिता का क्रिया-क्रम करने के बाद चारो भइयों ने खेत की खुदाई शुरू कर दी । उन्होंने खेत का चप्पा-चप्पा खोद डाला, पर उन्हें कही धन नहीं मिला । उन्होंने पिता को खूब कोसा ।वर्षा रुतु आनेवाली थी। मौसम देख किसान के बेटों ने उस खेत में धान के बीज बो दिए । वर्षा का पानी पाकर पौधे खूब बढे । उन पर बड़ी-बड़ी बालें लगी। उस साल खेत में धान की बहोत अच्छी फसल हुई ।

चारों भाई बहुत खुश हुए । अब पिताकी बात का सही अर्थ उनकी समझ में आ गया । उन्होंने खेत की खुदाई करने में जो परिश्रम किया था, उसी से उन्हें अच्छी फसल के रूप में बहुत धन मिला था ।

इस प्रकार श्रम का महत्व समझने पर चारो भाई मन लगाकर खेती करने लगे और अपना जीवन खुशी पूर्वक जीने लगे।

मोरल: अगर हमलोग ईमानदारी से मेहनत करे तो उसका फल सदैव मीठा ही होता है भले फल देर से ही क्यों न मिले। मेहनत ही सच्चा धन है। इसलिए मेहनत से कभी पीछे नही हटना चाहिए।

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