2.मन के प्रकार (TYPE OF MIND) !

मन का विभाजन वास्तविक भौतिक आधार पर नहीं किया जा सकता। प्रसिद्ध मनोविश्लेषण, मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक फ्रायड के अनुसार मन को तीन भागों में वर्गीकृत किया गया है।

मन के प्रकार

सचेतन मन : यह हमारे मन का सक्रिय अवस्था होता है। यह मन का लगभग दसवाँ हिस्सा होता है जिसमें स्वयं तथा वातावरण के बारे में जानकारी (चेतना) रहती है। रोज-मर्रा के कार्यों में मनुष्य मन के इसी भाग को व्यवहार में लाता है।


अचेतन मन : यह हमारे पिछ्ले अनुभवों और अवधारणाओं के आधार पर स्वचालित तरीके से कार्य करता है। यह मन का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा है। जिसके कार्य के बारे में व्यक्ति को जानकारी नहीं रहती। यह मन की स्वस्थ एवं अस्वस्थ क्रियाओं पर प्रभाव डालता है। इसका बोध व्यक्ति को आने वाले सपनों से हो सकता है। इसमें व्यक्ति की मूल-प्रवृत्ति से जुड़ी इच्छाएं जैसे कि भूख, प्यास, यौन इच्छाएं दबी रहती हैं। मनुष्य मन के इस भाग का सचेतन इस्तेमाल नहीं कर सकता। यदि इस भाग में दबी इच्छाएं नियंत्रण-शक्ति से बचकर प्रकट हो जाएं तो कई लक्षण उत्पन्न हो जाते हैं जो बाद में किसी मनोरोग का रूप ले लेते हैं।


अर्धचेतन या पूर्वचेतन: यह मन के सचेतन तथा अचेतन के बीच का हिस्सा है, जिसे मनुष्य चाहने पर इस्तेमाल कर सकता है, जैसे स्मरण-शक्ति का वह हिस्सा जिसे व्यक्ति प्रयास करके किसी घटना को याद करने में प्रयोग कर सकता है। या यह कहा जा सकता है कि यह एक रास्ता है सचेत मन का अचेत मन तक का।

power of mind

मन एक ऊर्जा का भंडार होता है। सही तरीके से मन को समझ कर इसकी ऊर्जा का उपयोग किया जाए तो मनुष्य बड़ी आसानी से सफलता को प्राप्त कर सकता है।

अगला अध्याय: पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें

1 thought on “2.मन के प्रकार (TYPE OF MIND) !”

  1. Pingback: 1.मन (MIND) क्या है ! – OceanShake

Leave a Comment

Your email address will not be published.

Translate »