मन, मस्तिष्क की उस क्षमता को कहते हैं जो मनुष्य को चिंतन शक्ति, स्मरण-शक्ति, निर्णय शक्ति, बुद्धि, भाव, इंद्रियां, एकाग्रता, व्यवहार, परिज्ञान (अंतर्दृष्टि) इत्यादि में सक्षम बनाती है। साधारण भाषा में कहा जाए तो मन एक प्रकार की ऊर्जा है जिसे देखा नहीं जा सकता केवल महसूस किया जा सकता है या यूँ कहे कि मन हमारे शरीर का वह हिस्सा या प्रक्रिया है जो खुद को जानने, सोचने और समझने में मदद करता है।

मन और इसके कार्य करने के विविध पहलुओं का मनोविज्ञान की पुस्तकों द्वारा अध्ययन किया जाता है। मानसिक स्वास्थ्य और मनोरोग किसी व्यक्ति के मन के सही ढंग से कार्य करने का विश्लेषण करते हैं। मनोविश्लेषण नामक शाखा मन के अन्दर छुपी उन जटिलताओं को खोज निकलती है जो मनोरोग अथवा मानसिक स्वास्थ्य में रुकावट का कारण बनते हैं। वहीं मनोरोग चिकित्सा मानसिक स्वास्थ्य को पुनर्स्थापित करने का तरीका है।
आसान भाषा में कहा जाए तो मन(Mind) एक सॉफ्टवेयर (software) है और मगज(Brain) हार्डवेयर(Hardware) । यह दोनों मिल के हमारे शरीर के हर गतिविधियों को नियंत्रित करता है।

सामाजिक मनोविज्ञान किसी व्यक्ति द्वारा विभिन्न सामाजिक परिस्थितयों में उसके मानसिक व्यवहार का अध्ययन करती है। शिक्षा मनोविज्ञान उन सारे पहलुओं का अध्ययन करता है जो किसी व्यक्ति की शिक्षा में उसके मानसिक प्रकार्यों के द्वारा प्रभावित होते हैं।
जिसके द्वारा सब क्रियाकलापो को क्रियानवृत किया जाता है। उसे साधारण भाषा में मन कहते है।।
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